रिपोर्ट आकाश मिश्रा
मल्हनी उपचुनाव में कल रात से श्रीकला धनन्जय सिंह मैदान में उतर कर चुनाव का पारा और बढ़ा दी है। आज सुबह बन्सफा से निकल कर सबसे पहले ब्राह्मणों के गांव में पहुँच कर आशीर्वाद लेना सुरु किया तो सबको धनंजय सिंह की दिवंगत मा की याद बरबस आ गई। ज्ञात हो कि धनंजय सिंह की माता जी भी अपने पुत्र के जीवनदान के लिए ऐसे ही सबसे पहले ब्राह्मणों का ही आशीर्वाद लेने पहुँची थी, ब्राह्मणों के तपोबल का आशीर्वाद क्षत्रियों के जीवन बल को हमेशा से मजबूत करता रहा है, इसी विश्वास को लेकर ये भी पहुंची।

2002 धनंजय सिंह के जीवनदान का चुनाव था और 2020 के चुनाव में उनका राजनैतिक जीवन दांव पर है और उसमे सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है ब्राह्मणों का वोट, धनंजय सिंह को हमेशा से ब्राह्मणों का आशीर्वाद मिलता रहा है, फिर अगर इस बार भी सब अगर साथ आ गए तो यह राह और आसान हो जाएगी। जिस क्रम में

आज श्रीकला धनंजय सिंह भीलमपुर, नेवढ़िया, गरेथा ,के ब्राह्मणों के साथ साथ सभी जातियों के लोगो का आशीर्वाद लिया।
धनंजय सिंह के नजदीकी मनोज सिंह नांन्हक के परिवार के साथ, आकाश मिश्रा, भोले गुरु, मूलचंद तिवारी, गुलाब तिवारी आदि लोगो के साथ घर घर गई।
श्रीकला धनंजय सिंह को देखने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा, बुजुर्ग महिलाओं ने कहा कि हम लोग तो तब से धनंजय के साथ हैं, जब से उनकी माँ सौंप गई है, तुम बहु के रूप में आई हो तो मुँह दिखाई में वोट तुम्हारा ही है।

श्रीकला धनंजय सिंह ने भी उतना सधा उत्तर देकर बचन लिया-
“””अम्मा आपकी बहु आई है,विजय से कम स्वीकार नही है”‘
जबाब सुनकर महिलाएं गदगद हो गई, बोली धनंजय की बहू धनंजय से भी प्यारी है।

श्रीकला धनंजय सिंह का ब्यवहार आज क्षेत्र में चर्चा का विषय बना रहा, उच्च कुल और उच्च शिक्षा से युक्त महिला गांव में घूम घूम के हर जाति के लोगों का पैर छूती नजर आई।बहुत लोगो ने संकोच में पैर पीछे खींच लिए बोली
“”अरे बहू, बस नमस्ते ही बहुत है””

“”नही अम्मा पहली बार तो बहु सबका पैर छूती है, ये परंपरा है, नही तो ससुराल में स्वीकार नही होती”” लाजवाब उत्तर दिया बहू ने।

प्राइमरी शिक्षा हैदराबाद से फिर मद्रास से पढ़ाई, भारत नाट्यम की पारंगत, B, कॉम के बाद विजनेस स्टडी का कोर्स, उसके बाद अमेरिका से इंटीरियर डिजाइनिंग की पढ़ाई, कई प्रकार के ब्यापार का अनुभव, प्रसिद्ध उद्योग घराने की बेटी, पिता खुद बड़े नेता, उसके बाद भी ब्यवहार इतना सरल लोगों का दिल जीतने वाला था।

शेरवां के अरुण सिंह ने कहा धनन्जय सिंह की पत्नी का ब्यवहार धनंजय सिंह से भी अच्छा है, ये उनके राजनैतिक जीवन को नई दिशा देगी, इसको लिख लीजिए।उसके ब्यवहार में संपन्नता और प्रतिभा नही सरलता प्रभावी है, हम लोगों के लिए यही नेता हैं।

आकाश मिश्रा कलवारी की अम्मा ने कहा पति के संकट में साथ देने वाली पत्नी,चारो लोक में नाम कमाती है। लड़कियों के लिए उनकी शिक्षा के साथ उनके सरल और सादगी भरा सौंदर्य भी आकर्षण का केंद्र बन रहा है।

आज के जनसंपर्क से ऐसा लगा कि आने वाले कुछ ही दिनों में मल्हनी में श्रीकला धनंजय सिंह की लोकप्रियता आसमान छूती दिखाई देगी। जिससे मल्हनी के संघर्ष का रोमांच करवट बदल रहा है, दिल थाम कर बैठ जाइए।