सिरकोनी। नाग पंचमी के अवसर पर सिरकोनी क्षेत्र के राजेपुर त्रिमुहानी स्थित भगवान शिव के प्राचीन मंदिर में लोगो ने covid-19 के लॉक डाउन को ध्यान में रखते ही भगवान शिव के दर्शन तथा दुग्धाभिषेक कर रहे है, आज के दिन लोगो की विशेष आस्था है कि आज के दिन नागों को दूध पिलाने से मनोकामना पूर्ण होती है। यहीं वह संगम स्थल है जहाँ गोमती व सई नदी आपस में मिलती हैं..सावन माह की शुक्ल पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है।पंचमी तिथि को नाग देवताओं की पूजा के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। भगवान शिव को सांपों का देवता माना जाता है। इस दिन भगवान शिव के साथ नागदेव की अराधना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। मन्दिर के पुजारी भी इस महामारी के दौर में लोगो से अपील कर रहे है कि भगवान शिव की पूजा घर पर ही करे। जहाँ प्रशासन की भी व्यवस्था चाक चौबंद थी । लोगो को इस महामारी से जागरूक करते हुए प्रशासन लॉक डाउन के दिशा निर्देशों का सख़्ती से पालन कर रही थी। कहा जाता है कि जब सागर मंथन के समय नागों ने अपनी माता की बात नही मानी थी इसी कारण इनको श्राप मिला था कि राजा जनमेजय के यज्ञ के समय सभी सर्प जलकर भस्म हो जाएंगे,और इससे बचने के लिए सभी नाग भगवान ब्रह्मा जी के के शरण मे चले गए । उन्होंने ब्रम्हा जी से अपनी रक्षा और श्राप से मुक्ति की बात कही तब ब्रम्हा जी ने कहा कि जब नागवंश में महात्मा जरत्कारू के पुत्र आस्तिक होंगे तब वह सभी नागों की रक्षा करेंगे। यह उपाय ब्रह्माजी ने पंचमी तिथि को बताया था।इसी कारण आज का दिन नाग जाति के लिए बहुत ही खास है।