दीवान बहादुर सर अर्कोट रामासामी मुदलियार ने सैन फ्रांसिस्को सम्मेलन में भारत के प्रतिनिधि थे और उन्होंने संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) के पहले अध्यक्ष के रूप में कार्य किया.
रामासामी मुदलियार ECOSOC के पहले प्रेसिडेंट बने थे (फाइल फोटो-AP)
Sankalp savera प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र (UN) की 75वीं सालगिरह पर एक कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित किया. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य बनने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी का यह पहला संबोधन था. इस दौरान पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के इतिहास पर भी संक्षिप्त प्रकाश डाला.
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, ‘इस साल हम संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. इंसान की प्रगति में संयुक्त राष्ट्र का बड़ा योगदान है. दूसरे विश्व युद्द के बाद संयुक्त राष्ट्र के 50 फाउंडिंग मेंबर्स में भारत भी शामिल था. उस वक्त से लेकर अब तक काफी चीजें बदल गई हैं. अब संयुक्त राष्ट्र में 193 सदस्य हैं. प्रधानमंत्री ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के संस्थापक सदस्यों में भारत भी शामिल था.
इस लिहाज से यह जानना अहम है कि उस समय संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) का पहला प्रेसिडेंट कौन था. भारत के लिए यह अहम बात है कि वह शख्स भारतीय था, जिनका नाम दीवान बहादुर सर अर्कोट रामासामी मुदलियार था. वो संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद पहले प्रेसिडेंट थे.
दीवान बहादुर सर अर्कोट रामासामी मुदलियार वकील, राजनयिक और राजनेता थे. वह जस्टिस पार्टी के वरिष्ठ नेता भी थे. स्वतंत्रता पूर्व और फिर आजादी के बाद उन्होंने भारत में विभिन्न प्रशासनिक और नौकरशाही के पदों पर काम किया.