मांगी नाव केवट आना कहहू तुम्हार मर्म हम जाना
सुजानगंजस्थानी क्षेत्र के मोहरियाव ग्राम सभा में चल रहे आदर्श रामलीला धर्म मंडल समिति के तत्वाधान में गुरुवार को रात्रि राम केवट संवाद एवं सीता हरण का मंचन हुआ रामलीला का शुभारंभ गिरीश दुबे ने राम लक्ष्मण सीता जी की आरती उतार कर किया उन्होंने कहा कि राम के आदर्शों को हर व्यक्ति को अपने अंदर समाहित करना चाहिए और सदैव सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए रामलीला मंच में राम केवट संवाद में मांगी नाव केवट आना कहहू तुम्हारा मर्म हम जाना संवाद सुनकर पंडाल में श्रोता भावुक हो उठे राजा दशरथ ने कैकई के चारों वचनों को पूरा करने के लिए राम को वन भेजने के लिए विवश हो जाते हैं तब राम खुद वन गमन के प्रस्ताव मान लेते हैं महाराज दशरथ को समझाते हैं कि सीता व लक्ष्मण के साथ स्वयं मंत्री सुमंत के साथ बन की तरह प्रस्थान कर देते हैं अयोध्या की सीमा से सुमंत को वापस बुलाया केवट प्रभु राम को पहचान जाता है और नदी पार करने से मना कर देता है प्रभु राम कारण पूछते हैं तो केवट कहता है कि आपको बैठाने से मेरी नौका औरत बन जाएगी तो मैं क्या करूंगा प्रभु इसलिए आपके पांव पखारने के बाद ही नौका पर बैठा सकता हूं फिर प्रभु राम की सहमति से वह उनके पांव को धोकर नौका में बैठाकर नदी को पार कर आया यह मंचन देख दर्शक उत्साहित हुए और भावुक हो गए मित्रता का निर्वहन किस प्रकार से केवट ने किया. जिसमे राम का रोल कार्तिकेय विश्वकर्मा, लक्ष्मण ईश्वर चंद्र दुबे, सीता आदित्य चौबे, केवट ओम प्रकाश तिवारी बबलू, राजा दशरथ जनार्दन प्रसाद दुबे, कैकयी अवकाश तिवारी साजन, मंथरा मुकेश तिवारी मोनू, सेवरी रवीन्द्र तिवारी हनुमान,भरत प्रशांत तिवारी, आदि ने निभाई भूमिका.