मज़हब के नाम पर लड़ना इंसान का काम नहीं।
मनेछा में आयोजित संत्संग में बोले बाबा जयगुरुदेव के उत्तराधिकारी।
रिपोर्टर-अज़ीम सिद्दीकी
खेतासराय(जौनपुर):-* बाबा की कहना है शाकाहारी रहना है। इसी कड़ी को और जागरूकता को आगे बढ़ाने के लिए बाबा जयगुरुदेव के उत्तराधिकारी पंकज जी महाराज द्वारा जगह – जगह लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसी कड़ी में स्थानीय क्षेत्र में शाकाहार-सदाचार मद्यनिषेध की आध्यात्मिक वैचारिक जनजागरण के साथ जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था मथुरा के अध्यक्ष पंकज जी महाराज ने अपनी यात्रा का 52वां पड़ाव बाबा द्वारिका दास हरिमंदिर महाविद्यालय प्रांगण सारी जहाँगीर पट्टी में डाला। जहां से बुधवार की सुबह लगभह 11 बजे मनेछा पेट्रोल पम्प के सामने खेतासराय में आयोजित सत्संग कार्यक्रमों को संबोधित करते हुए कहा कि सबको शाकाहार अपनाने, नशा मुक्त जीवन जीने की मार्मिक अपील किया। आगे कहा कि इंसान का काम रहम करना, दया करना है। मानव शरीर पाकर धर्म, मजहब के नाम पर लड़ना-झगड़ना इंसानों का काम नहीं, हैवानो का काम है। इससे नफरत की ऐसी ज्वाला जली कि जिसमे घर, परिवार, समाज, देश सब जल उठा। अब तो सबको ठंडक, छाया, शांति सुकून की जरुरत है। ऐसे सन्देश समदर्शी संत, महात्मा ही दे सकते हैं।
अपने गुरु जी महाराज बाबा जयगुरुदेव जी का बखान करते हुए कहा कि हमारे महाराज ने आजीवन अच्छे समाज के निर्माण के लिए शाकाहार सदाचार मद्यनिषेध का अभियान चलाया। चरित्र उत्थान, मानव प्रेम, अहिंसा, परोपकार आदि गुणों के विकास व प्रभु के भजन भक्ति में लोगो को लगाने के लिए अकूत मेहनत किया। अपनी आध्यात्मिक शक्ति का सहारा देकर करोडो लोगो को प्रभु की भक्ति में लगाया। हम मानवता और आध्यात्मिक जागरण से सबको जीवन का सत्य सिखाकर ईश्वर की तरफ मोड़ने का प्रमुख लक्ष्य लेकर निकले हैं। हम चाहते हैं वेशकीमती मनुष्य शरीर पाने के महत्व को लोग समझें। गृहस्थ आश्रम में रहते हुए कलियुग की प्रभु प्राप्ति की सबसे सरल साधना, सुरत-शब्द (नाम-योग) का उपदेश किया तथा साधना की विधि समझाते हुए कहा कि गृहस्थ आश्रम के कार्यो को करते हुए थोडा सा समय आत्मकल्याण के लिए भी निकालें। इस कलियुग में सुरत- शब्द योग (नाम-योग) की साधना सबसे सरल और सामयिक है।
इसके लिए प्रभु प्राप्ति करने वाले संत सतगुरु की आवश्यकता है। आत्मा की सारी शक्ति शरीर के नौ दरवाजों में फैली है। उसे केन्द्रित करके दसवें द्वार (भृकुटी बिलास) में लायेंगे तो गुरु की कृपा से प्रकाश के मैदान में खड़े हो जाएँगे। दिव्य लोकों का दर्शन होने लगेगा और वेदध्वनिया सुनने लगेंगे जिससे रोम रोम पुलकित हो जाएगा। इससे मानव जीवन धन्य हो जाएगा। महाराज जी महाराज ने अपील किया कि नियमित साधना अवश्य करें। शाकाहार-सदाचार मद्यनिषेध का प्रचार करके प्रेरणा देते रहे। जन्म-जन्मान्तरो से भूखी आत्मा को भोजन दें आत्मा का भोजन शब्द है। आगामी 4 से 8 दिसंबर तक जयगुरुदेव आश्रम मथुरा में आयोजित होने वाले दादा गुरु जी महाराज के 71वे वार्षिक भंडारा सत्संग मेला में भाग लेने के लिए उपस्थित लोगों को निमंत्रण भी दिया। इस अवसर पर महाविद्यालय प्रबंधक सूर्यभान यादव, राजेंद्र सिंह, शिव प्रसाद यादव, जिला संगत जौनपुर के अध्यक्ष ऋषिदेव श्रीवास्तव, सुरेश चंद यादव तहसील संगत शाहगंज अध्यक्ष, उपाध्यक्ष राकेश शर्मा, ब्लाक सोंधी अध्यक्ष दलसिंगार, श्याम बली बिन्द आदि उपस्थित रहे। हजारों स्त्री पुरुषों ने सत्संग में भाग लिया। इस दौरान फायरब्रिगेट, एक प्लाटून पीएससी के जवान, सर्किल के सभी थाने के स्थानीय पुलिस तैनात रहे।