शोध प्रविधि पर ऑनलाइन कार्यशाला : एक प्रतिवेदन
संकल्प सवेरा आवश्यकता आविष्कार की जननी है, चुनौतियाॅ बुद्धिमानों के लिए अवसर बनकर आती हैं, सकारात्मक सोच और वैज्ञानिक प्रवृत्ति बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान ढूंढ लेती है, सहयोगात्मक प्रवृत्ति सदैव समाज और देश के हित में होती है। इन्ही सब कारणों से कोविड-19 महामारी ने जहां एक तरफ पूरे विश्व के लिए संकट खड़ा कर दिया है वही दूसरी तरफ जीवन तथा जीने के तरीके को लेकर एक नयी सोच भी उत्पन्न की है। शिक्षा के क्षेत्र में भी नवाचार हो रहे है, इसी क्रम में तिलकधारी महाविद्यालय में भी 7 दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला चल रहा है। इस कार्यशाला के आयोजन में महाविद्यालय परिवार के प्राध्यापकों, कर्मचारियों तथा छात्रों के साथ-साथ प्रबन्ध समिति, विशेष रूप से प्रबन्धक महोदय श्री अशोक कुमार सिंह तथा अध्यक्ष महोदय प्रो0 श्रीप्रकाश सिंह का सहयोग सराहनीय है। शनिवार को कार्यशाला का चौथा दिन रहा। 01 जुलाई, 2020 को कार्यशाला का उद्घाटन हुआ। प्रथम दिन प्रो0 आर0एन0 त्रिपाठी सदस्य, उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग तथा प्राध्यापक समाजशास्त्र विभाग, बी0एच0यू0 तथा प्रो0 आर0एन0 सिंह, मनोविज्ञान विभाग, बी0एच0यू0 दूसरे दिन डॉ तुषार सिंह, मनोविज्ञान विभाग बी० एच० यू० तीसरे दिन डॉ धनञ्जय कुमार, गोरखपुर विश्वविद्यालय, तथा डॉ सुधांशु सिन्हा, तिलकधारी महाविद्यालय एवं चौथे दिन गोरखपुर विश्वविद्यालय की मनोविज्ञान विभाग की प्रोफेसर डॉ अनुभूति दुबे एवं डॉ अरुण सिंह मुख्य वक्ता रहे। इन वक्ताओं ने शोध के भिन्न-भिन्न पहलुओं पर बात किया।
महाविद्यालय की विदुषी प्राचार्या डाॅ0 सरोज सिंह ने वर्कशॉप में वक्ता तथा प्रतिभाग करने वाले विभिन्न विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों के प्राध्यापक एवं शोधार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह शोध की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सीखने का बहुत अच्छा अवसर है। उन्होंने इस कार्यशाला को सुचारू रूप से सम्पन्न करा रहे आयोजन सचिव डाॅ0 अरूण कुमार सिंह तथा संयोजक, आई क्यू ए सी समन्वयक डाॅ0 राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, तकनीकी विशेषज्ञ श्री कुँवर शेखर गुप्ता, रजनीश यादव और श्री चन्द्र प्रकाश गिरि के प्रति मैं अपना आभार व्यक्त करते हुए उन्हें हृदय से धन्यवाद दिया और कहा कि ये वे लोग हैं जिनके अथक प्रयास से यह कार्यशाला प्रारम्भ हो पाया। संयोजक डाॅ0 राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने कार्यक्रम का संचालन किया।