कहानी बक्सर के 21 साल के युवा अनुप ओझा की है जो इन दिनों अपने भोजन को लेकर पूरे देश में चर्चा का केंद्र बने हैं.
पटना/बक्सर. कोरोनावायरस (Corona Epidemic) संक्रमण को रोकने के लिए बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर्स की बदहाली की तस्वीरें और कहानियां आपने बहुत सुनी होंगी लेकिन हम आज आपको बता रहे हैं एक ऐसी कहानी जिसमें आप क्वारेंटाइन (Quarantine Center) किए गए शख्स की खुराक यानी डाइट जानकर दंग रह जाएंगे. कहानी बक्सर के 21 साल के युवा अनुप ओझा की है जो इन दिनों अपने भोजन को लेकर पूरे देश में चर्चा का केंद्र बने हैं.
21 साल की उम्र में 10 लोगों का खाना
दरसअल इन जनाब का भोजन दो-तीन नहीं बल्कि 10 व्यक्तियों के बराबर है. जब अनूप परदेश से लौटने के बाद अपने इलाके के एक स्कूल में क्वॉरेंटाइन किए गए तो उनका खाना देखकर अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक के पसीने छूटने लग गए. दरअसल 21 साल का यह नौजवान एक बार में 10 लोगों के बराबर खाना खाता है. बात चाहे रोटी की हो या फिर चावल की अनुप का डाइट आम आदमी से 10 गुना है. हद तो तब हो गई जब अनूप ने सेंटर पर एक दिन रात के भोजन में बिहार के मशहूर भोजन यानी लिट्टी-चोखा के मेन्यू में 85 लिट्टियां हजम कर ली.
ऐसा है डाइट
अनुप आम तौर पर भी एक बार में आठ-दस प्लेट चावल या 35-40 रोटी के साथ दाल-सब्जी खाते हैं. बक्सर के मंझवारी के राजकीय बुनियादी विद्यालय में बने क्वारेंटाइन केंद्र में रह रहे प्रवासी युवक अनुप ओझा का भोजन जुटाने में विभाग से ज्यादा रसोईयों का पसीना छूटता है खास कर रोटियां बनाने में. युवक की डायट को लेकर गड़बड़ी की आशंका हुई तो खुद अंचलाधिकारी भी युवक से मिलने पहुंचे लेकिन उसका खाना देख वो भी दंग रह गए.
रोजी-रोटी की तलाश में गया था राजस्थान
अनुप बक्सर जिला के ही सिमरी प्रखंड के खरहाटांड़ गांव निवासी गोपाल ओझा के पुत्र हैं और एक सप्ताह पहले ही अपने घर जाने के क्रम में क्वारंटाइन केंद्र में आए हैं. परिजनों ने बताया कि अनुप लॉकडाउन से पहले राजस्थान रोजी-रोटी की तलाश में गए थे लेकिन इसी दौरान पूरा देश लॉकडाउन हो गया और वो डेढ़ महीने से ज्यादा समय तक राजस्थान में ही फंसे रहे.
शर्त लगाने पर 100 समोसा कर जाता है हजम
अनुप जिस केंद्र में हैं वहां 87 प्रवासी रह रहे हैं, लेकिन खाना 100 से अधिक लोगों का बनता है कारण अनुप का खानपान. अनुप के गांव के लोगों की भी कहना है कि वो शुरू से ही अधिक खाते हैं. शर्त लगाने पर वो एक बार में करीब सौ समोसे खा जाते हैं. फिलहाल अंचलाधिकारी द्वारा मामले की पड़ताल करने के बाद केंद्र पर प्रतिनियुक्त कर्मियों को उन्हें भरपूर भोजन देने का निर्देश दिया गया है.